- प्रोमोटर ग्रुप वेदांता रिसोर्सेज 87.5 रुपए प्रतिशेयर के भाव पर अवैध प्रोमोटरों के 48.94 फीसदी शेयर खरीदेगी
- 11 मई की क्लोजिंग क्वालिटी के मुताबिक वेदांता का वर्तमान मार्केट कैपिटलाइजेशन 33,194 करोड़ रुपये है
दैनिक भास्कर
13 मई, 2020, 10:31 AM IST
मुंंबई। वेदांता लिमिटेड के अनिल अग्रवाल ने 11 मई को एलान किया वे वेदांता को भारतीय चार्ट से डिलिस्ट (डीलिस्ट) करने की तैयारी में हैं। इसके लिए प्रोमोटर ग्रुप वेदांता रिसोर्सेज 87.5 रुपए प्रतिशेयर के भाव पर अवैध प्रोमोटरों के 48.94 प्रति शेयर खरीदेगी। ये भाव 11 मई के क्लोजिंग बाजार योग्यता से 9.90 प्रति अधिक है। स्टॉक एक्सचेंजों के पास उपलब्ध लेटेस्ट आंकड़ों के मुताबिक कंपनी में प्रोमोटरों की भागीदारी 50.14 प्रति है। 11 मई को वेदांता के शेयरों में 12 फीसदी से ज्यादा की बढ़ोतरी देखने को मिली थी। उस दिन क्लोजिंग क्वालिटी के मुताबिक वेदांता का वर्तमान बाजार कैपिटलाइजेशन 33,194 करोड़ रुपये है।
बिजनेसमैन अनिल अग्रवाल ने मंगलवार को कहा कि वे भारत में लिस्टेड कंपनी वेदांता लिमिटेड के सभी बड़े शेयर वापस खरीद कर इसे अपनी निजी कंपनी बनाएंगे। वेदांता लिमिटेड ने रेगुलेटरी जानकारी में कहा है, उसके प्रमोटर ग्रुप वेदांता रिसोर्सेज ने अपनी इस मंशा को जाहिर किया है कि वह अकेले या ग्रुप की एक या उससे ज्यादा सब्सिडियरी के साथ मिलकर कंपनी के सभी पूर्ण स्वामित्व वाले शेयरों का अधिग्रहण करेगी। इसमें कंपनी के व्यक्तिगत निवेश के पास सभी शेयरों की खरीद की जाएगी।
निर्णय की वजह
वेदांता ग्रुप पिछले कई सालों से मेट्रो सिम्फिलिफिकेशन करने की प्रक्रिया में हैं। इस प्रक्रिया के तहत ही 2012 में सेसा-स्टरलाइट (इसके बाद में वेदांत नाम दिया गया) नाम की कंपनी बनाने के लिए स्टरलाइट को सेसा गोवा के साथ मर्ज किया गया। 2016 में केयर्न का वेदांत में मर्जर किया गया और फिर 2018 में वेदांत रिसोर्स की डीलिस्टिंग की गई। वेदांता ग्रुप का मानना है कि वेदांता की डिलिस्टिंग कंपनी के इंजीनियरिंग सिम्फिलिफिकेशन की कोशिशों का अगला पड़ाव है। ऐसा होने पर कंपनी के कारोबार को ज्यादा अच्छी तरह से रोका जा सकेगा।
वेदांता रिसोर्सेज की डिलिस्टिंग
2003 में लंदन स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्ट होने वाली वेदांता रिसोर्सेज पहली भारतीय कंपनी थी। जुलाई 2018 में अनिल अग्रवाल ने ये कहते हुए लंदन स्टॉक एक्सचेंज से वेदांता रिसोर्सेज को डिलिस्ट कराने का ऐलान किया था कि अब ये जरूरी नहीं लगता है कि कंपनी को पूंजी बढ़ाने के लिए लंदन यात्राओं के लिए जरूरी है। 1 अक्टूबर, 2018 को वेदांता रिसोर्सेज को लंदन स्टॉक एक्सचेंज से डिलिस्ट कर लिया गया।